मोदी सरकार की उपलब्धियों के ग्यारह साल
10/06/2025 12:59 PM Total Views: 7888

नेहरू और इंदिरा के कार्यकाल के बाद लंबा कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री की सूची में मोदी पहुंच चुके हैं। किसने सोचा था कि 1984 में महज दो लोकसभा सीटों तक सिमटने वाली भारतीय जनता पार्टी कभी लगातार तीन संसदीय चुनावों में बाजी मारती रहेगी। इसमें शक नहीं कि यह उपलब्धि भारतीय जनता पार्टी को मोदी के नेतृत्व से ही हासिल हुई है। अगर जनता ने मोदी पर लगातार भरोसा जताया तो इसकी वजह है उनकी कार्यशैली। 2014 की जीत में लोगों की उम्मीदें थीं। इन उम्मीदों की वजह विकास का उनका गुजरात मॉडल रहा। लोगों की उम्मीदों को पूरा करने की उन्होंने जो कोशिश की, 2019 में उसे जनता का भरपूर साथ मिला। उनमें भरोसे की वजह ही थी कि उन्हें और ज्यादा भारी बहुमत से रायसीना की पहाड़ियों के बीच शपथ लेने का मौका मिला। इस कड़ी में देखें तो 2024 में बहुमत से दूर रह जाना खटकता है। लेकिन नहीं भूलना चाहिए कि दस साल के कार्यकाल में आकांक्षाओं का उद्दाम होना स्वाभाविक है और सारी आकांक्षाओं का पूरा कर पाना भी संभव नहीं है। इसलिए कुछ लोग हो सकता है निराश भी रहे हों। जिसका असर चुनाव नतीजों पर दिखा।
जापान को पछाड़कर भारत हाल ही में दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसका भी श्रेय मोदी सरकार को ही जाता है। देश सिर्फ आर्थिक ही नहीं, सांस्कृतिक मोर्चे पर लगातार विकास कर रहा है। इस विकास में परंपरा, आधुनिकता और वैश्विक जुड़ाव का अद्भुत समावेश नजर आता है। मोदी सरकार की ही देन है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन का महाकाल लोक, मां कामाख्या मंदिर, राम मंदिर अयोध्या, केदारनाथ धाम और जूना सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है। राममंदिर के निर्माण की उपलब्धि ही मोदी सरकार के खाते में जाती है। इसी दौरान उत्तराखंड में चारधाम राजमार्ग परियोजना, हेमकुंड साहिब रोपवे और बौद्ध सर्किट विकास जैसी योजनाएं शुरू हुईं। करतारपुर कॉरिडोर के चलते पाकिस्तान स्थित दरबार साहिब भारतीय सिखों के लिए सुलभ हुआ। इसी दौरान राष्ट्रनिर्माताओं को सम्मान देने की दिशा में प्रधानमंत्री संग्रहालय, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, जलियांवाला बाग स्मारक और 11 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय जैसे संस्थान बनाए गए। मोदी के कार्यकाल में ही देश की खोई धरोहरों की वापसी का अभियान तेज हुआ। 2013 से पहले विदेशों में चोरी से गई सिर्फ 13 प्राचीन वस्तुओं की ही वापसी हुई थी, जबकि 2014 के बाद से अब तक 642 प्राचीन वस्तुएं भारत लौटाई गई हैं, जिनमें से अकेले अमेरिका से 578 कलाकृतियां लौटी हैं।आयुर्वेद और योग की वैश्विक मान्यता भी मोदी सरकार की ही उपलब्धि कही जाएगी।
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मोदी सरकार के ही कार्यकाल में आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति बनी और उसे लागू किया गया। ऑपरेशन सिंदूर उसका ही प्रतीक है। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 का खात्मा, 2019 में पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक, जैसे कदम मोदी सरकार ने ही उठाए। मोदी के शासन काल में भारत ने ग्लोबल साउथ की अवधारणा को मजबूत करते हुए अफ्रीकी देशों से नए सिरे से संबंध बढ़ाए। रूस और यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी रोक-टोक के बावजूद भारत रूस से सस्ती दरों पर पेट्रोलियम तेल खरीदने में सफल रहा। उत्तर पूर्वी राज्यों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिशें इसी दौर में तेजी से बढ़ीं। नक्सलवाद पर लगाम भी तेजी से इसी दौर में लगा।
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मोदी सरकार की उपलब्धियों की फेहरिस्त लंबी है। लेकिन भारत जैसे बहुभाषी, बहुरंगी देश में अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। आर्थिक आय की असमानता में संतुलन आज की बड़ी जरूरत है। भारत को यूरोप की तर्ज पर विकसित करने, प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने की जरूरत अब भी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले दिनों में भारत इन उपलब्धियों को भी हासिल करने में सफल रहेगा।
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