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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री कुंवर विजय शाह को भारतीय सेना की अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ की गई टिप्पणी को
लेकर कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि मंत्री का आचरण अदालत के धैर्य की परीक्षा ले रहा है और इससे
उनकी मंशा और ईमानदारी पर संदेह होता है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, शाह की ओर से पेश अधिवक्ता परमेश्वर ने दावा किया कि मंत्री ने सार्वजनिक रूप से माफी
मांगी है और यह ऑनलाइन उपलब्ध है। इस पर कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए पूछा कि यह माफी रिकॉर्ड में कहां है? अदालत ने कहा, ‘इस तरह की माफी से आपका क्या मतलब है?
यह बयान उसने पहली तारीख को दिया था। यह आदमी हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहा है। इससे उसकी ईमानदारी पर और संदेह होता है।’ सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विशेष जांच
दल (एसआईटी) के सदस्य से यह भी सवाल किया कि पीडि़तों के बजाय मंत्री का बयान दर्ज करने की प्राथमिकता क्यों दी गई। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की, ‘उसका
बयान दर्ज करना इतना जरूरी क्यों है? सबसे पहले उन लोगों के बयान दर्ज किए जाने चाहिए थे जो वास्तव में पीडि़त हैं।’ पीठ ने निर्देश दिया कि एसआईटी 13 अगस्त तक
अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे। कोर्ट को जानकारी दी गई कि अब तक 87 लोगों से पूछताछ की गई है और उनके बयानों की जांच की जा रही है। साथ ही, कांग्रेस नेता जया
ठाकुर द्वारा मंत्री विजय शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर दायर याचिका पर फिलहाल विचार करने से कोर्ट ने इनकार किया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि याचिका में पूर्व
के मामलों से जुड़े आरोपों की तीन सदस्यीय एसआईटी जांच करेगी। अंत में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 18 अगस्त तय की है।