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मध्यप्रदेश में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के महाराजा गुना संसदीय क्षेत्र से एक बार हारे-तीन बार जीते केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली बार
अपने क्षेत्र में किसानों के साथ होने वाली धोखाधड़ी तथा अवैधानिक रूप से कृषि उपज मंडी अशोकनगर में बिना टेंडर के 50 मीट्रिक टन के बीओटी तौल कांटों के संचालन
को गंभीरता से लेते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का फरमान जारी किया है, हालांकि मंडी बोर्ड के आयुक्त एवं प्रबंध संचालक कुमार पुरुषोत्तम 13 जुलाई तक
छुट्टी पर हैं इसलिए महाराजा के आदेश का परिपालन प्रभारी मंडी आयुक्त अजय गुप्ता ने नहीं किया। सूत्रों के अनुसार अशोक नगर जैसी जितनी भी मप्र में बड़ी-बड़ी
मंडियां हैं वहां पर 10-10 मीट्रिक टन के तौल कांटों का टेंडर किया जाता है और फिर बाद में उसे बिना किसी आदेश के बढ़ाकर 50-50 टन कर दिया जाता है। साठ-गांठ की इस
प्रक्रिया में मप्र के किसानों को जबरन वसूली का शिकार होना पड़ता है और 50-50 तथा 80-80 टन के तौल कांटों की जगह मात्र 10 मीट्रिक टन का टेंडर निकलवाकर मंडियों से
प्रतिवर्ष करोड़ों-अरबों की टैक्स चोरी की जाती है। सूत्रों के अनुसार अशोकनगर जिले के पूर्व भाजपा अध्यक्ष धर्मेन्द्र चौधरी ने 2-3 दिन पहले दिल्ली जाकर
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया से मुलाकात की और उन्हें बताया कि, 10-10 टन के तौल कांटों का टेंडर निकालकर अशोकनगर की कृषि उपज मंडी के अधिकारियों द्वारा भारी
भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार महाराज सिंधिया ने पहले भाजपा नेता धर्मेन्द्र चौधरी की शिकायत को लेकर कलेक्टर अशोकनगर आदित्य सिंह से
जानकारी मांगी और मंडी आयुक्त कुमार पुरुषोत्तम को दूरभाष पर कहा कि, तौल कांटों को लेकर निकाले गए टेंडर में भ्रष्टाचार का स्पष्ट प्रमाण मिल रहा है इसे
तत्काल निरस्त करें और संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही करें। उल्लेखनीय है कि, सिंधिया ने भ्रष्टाचार के किसी मुद्दे को लेकर पहले कभी भी अपने संसदीय क्षेत्र
में अपना तीसरा नेत्र नहीं खोला। लेकिन बीओटी आधारित तौल कांटों में भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर वे आग बबूला हो गए और यह कहने में नहीं चूके कि, किसानों के
साथ ठगी और मंडी टैक्स चुराए जाने वाले माफिया गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।