नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों के संघर्ष में बीती 21 मई को नया इतिहास रचा गया। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के जंगल में सुरक्षा बलों ने सीपीआई (माओवादी) के महासचिव और सर्वोच्च कमांडर नंबाला केशव राव उर्फ बासवराजू को मार गिराया। उसके साथ 26 और नक्सली मारे गए। इसके कुछ दिन बाद झारखंड में भी तीन नक्सली मारे गए। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 के अंत तक नक्सलवाद के देश से सफाये का लक्ष्य रखा है। नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के लगातार कसते शिकंजे का संकेत भी कुछ ऐसा ही है।

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नक्सलवाद के उभार के बाद से यह पहला मौका है, जब कोई सर्वोच्च नक्सली कमांडर और महासचिव स्तर का व्यक्ति मारा गया हो। गृहमंत्री अमित शाह ने इसे अपने बयान में रेखांकित भी किया। इस घटना के तुरंत बाद एक बयान में अमित शाह ने इस मुठभेड़ को नक्सलवाद खत्म करने की लड़ाई में ऐतिहासिक उपलब्धि बताने में हिचक नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ तीन दशकों की लड़ाई में महासचिव स्तर के नेता को हमारे सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। केशव राव उर्फ बासवराजू को जिस ऑपरेशन के जरिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस औ छत्तीसगढ़ पुलिस ने मार गिराया, उसे सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट नाम दिया है। छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र तक फैले जंगलों में जारी इस ऑपरेशन के तहत जहां 54 नक्सली गिरफ्तार किए जा चुके हैं, वहीं 84 नक्सलियों ने समर्पण किया है। जिस तरह धड़ाधड़ सफल मुठभेड़ हो रही है, नक्सली समर्पण कर रहे हैं या फिर गिरफ्तार किए जा रहे हैं, उससे अमित शाह का उम्मीद रखना बेमानी भी नहीं है।